तीस दिन मालवीय जी के साथ : श्री रामनरेश त्रिपाठी द्वारा मुफ्त हिंदी उपन्यास पीडीएफ पुस्तक | Tees Din Maalviya ji ke Sath : by Shri Ramnaresh Tripathi Free Hindi Novel Pdf Book

तीस दिन मालवीय जी के साथ  : श्री रामनरेश त्रिपाठी द्वारा मुफ्त हिंदी उपन्यास पीडीएफ पुस्तक | Tees Din Maalviya ji ke Sath : by Shri Ramnaresh Tripathi Free Hindi Novel Pdf Book 

( Download Link Given Below / डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया हैं )


Tees-Din-Maalviya-ji-ke-Sath-Shri-Ramnaresh-Tripathi-तीस-दिन-मालवीय-जी-के-साथ-श्री-रामनरेश-त्रिपाठी


पुस्तक का नाम / Name of Book : तीस दिन मालवीय जी के साथ / Tees Din Maalviy ji ke Sath 


पुस्तक के लेखक / Author of Book : श्री रामनरेश त्रिपाठी / Shri Ramnaresh Tripathi


पुस्तक की भाषा / Language of Book : हिंदी / Hindi


Size of Ebook : 11.6 MB


कुल पन्ने / Total pages in ebook : 383


पुस्तक डाउनलोड स्थिति / Ebook Downloading Status  : Best 

(Report this in comment if you are facing any issue in downloading / कृपया कमेंट के माध्यम से हमें पुस्तक के डाउनलोड ना होने की स्थिति से अवगत कराते रहें )


पुस्तक का विवरण : यह पुस्तक "तीस दिन मालवीय जी के साथ" लेखक के "मालवीय जी" के साथ बिताये हुए समय का व्याख्यान है | इस पुस्तक में मालवीय जी की व्यस्तता और दैनिक कार्यकलापों के विषय में लिखा गया है | लेखक ने लिखा है कि " स्नान, भोजन और विश्राम करके तीन बजे के लगभग मैंने चाहा कि महाराज से मिलूँ और जिस अभिप्राय को लेकर आया हूँ, उसकी चर्चा छेड़ूँ | कपड़े पहनकर मैं दफ्तर मैं, जो मेरे कमरे की बगल ही में है, गया तो महाराज के निकटस्थ विश्वास-पात्र कर्मचारी ठाकुर शिवधनी सिंह को दस-बारह आगंतुकों के बीच बैठ पाया | आगंतुकों की वेष-भूषा भिन्न-भिन्न आकर-प्रकार की थी | कुछ तो सूटेड-बूटेड थे, कुछ पंडिताऊ पोशाक में थे, और कुछ,संप्रदाय-विशेष के थे, उनके माथे पर उनके संप्रदाय के तिलक थे | कुछ यूनिवर्सिटी के छात्र थे और कुछ, केवल दर्शनार्थी, जो दूर के किसी जिले से आये हुए किसान-श्रेणी के मालूम पड़ते थे|"..............

Description about eBook : This Book "Tees din Malviya ji ke sath" is about the time spent by Author with Malviya ji. The book has been written about the daily activities of Malviya ji. In this book the author writes how Malviya ji was devoted his entire day to others, He was always surrounded by visitors from morning to evening. Everyday he were looking at the different kinds of visitors,And also met with students....................


सभी हिंदी पुस्तकें ( Free Hindi Books ) यहाँ देखें





इस पुस्तक को दुसरो तक पहुचाएं 





श्रेणियो अनुसार हिंदी पुस्तके यहाँ देखें 


One Quotation / एक उद्धरण

“कुशलतापूर्वक किसी की बात सुनना अकेलेपन, वाचालता और कंठशोथ का सबसे बढ़िया इलाज है।”
विलियम आर्थर वार्ड
--------------------------------

“Skillful listening is the best remedy for loneliness, loquaciousness, and laryngitis.” 
William Arthur Ward






Comments

Popular posts from this blog

अषाढ़ का एक दिन : मोहन राकेश द्वारा मुफ्त हिंदी नाटक पीडीएफ पुस्तक | Ashadh Ka Ek Din : by Mohan Rakesh Free Hindi Drama PDF Book

शरद जोशी के व्यंग लेख मुफ्त हिंदी पुस्तक | Sharad Joshi Ke Vyangya Lekh Free Hindi Pdf | Hindi Pdf Books